शापित हवेली

शापित हवेलीगाँव के बाहरी हिस्से में सदियों पुरानी एक हवेली खड़ी थी। चारों ओर झाड़ियाँ, टूटी हुई दीवारें और ध्वस्त छतें उसे भुतहा बना देती थीं। गाँव के बच्चे उसके पास से भी गुजरने से डरते थे। कहते थे—“उस हवेली में एक औरत की आत्मा रहती है… जो किसी को भी ज़िंदा नहीं छोड़ती।”गाँव के बुज़ुर्ग जब उस हवेली की बात करते तो उनकी आँखें डर से चौड़ी हो जातीं।---रोमांच की तलाशशहर से छुट्टियाँ बिताने आए चार दोस्त – अर्जुन, रोहित, सिमी और प्रिया – हर दिन गाँव घूमते।एक शाम जब चाय की दुकान पर बैठे थे, दुकानदार ने डराते