️ भाग 1: सहर की चुप्पीशहर में सुबह की पहली बारिश थी। अदिति खिड़की के पास बैठी थी — वही अदिति जो अब मुस्कुराना भूल चुकी थी। उसके हाथ में एक पुराना खत था — जो आरव ने उसे दो साल पहले लिखा था।> “अगर कभी बारिश में तुम्हें मेरी याद आए… तो समझना मैं वहीं हूँ — तुम्हारे पास।”अदिति ने खत को सीने से लगाया — और आँखें बंद कर लीं।--- भाग 2: आरव की वापसीआरव दो साल बाद भारत लौटा था — लंदन की नौकरी छोड़कर। लेकिन वो किसी को बताना नहीं चाहता था। उसके पास सिर्फ एक बैग था — और