--- भाग 1: एक अनजाना मोड़मिहिका पेरिस में अपनी प्रदर्शनी के आखिरी दिन एक गैलरी से बाहर निकल रही थी। सड़क पर हल्की बारिश थी — और सामने एक कैफ़े के शीशे में उसे एक जाना-पहचाना चेहरा दिखा।वो पल थम गया।वो चेहरा… अयान का था।वो सोचती है — क्या ये सपना है? या फिर वो शाम फिर लौट आई है?---️ भाग 2: एक साल बादएक साल बीत चुका था। अयान मुंबई में थिएटर कर रहा था, मिहिका पेरिस में स्केच बना रही थी। उनके बीच सिर्फ खत थे — और वो भी अब कम हो गए थे।लेकिन उस दिन, उस शहर में, उस