भाग 18डॉ. मेहता आश्रम में ऋषि अग्निहोत्री से विदा हुए, उनका मन ज्ञान और नई ऊर्जा से भरा हुआ था। गुरु ने उन्हें न सिर्फ़ बहुमूल्य मंत्र और ध्यान की विधियाँ सिखाई थीं, बल्कि दुष्ट शक्ति की कमजोरियों और कवच की वास्तविक क्षमता के बारे में भी बताया था। ऋषि अग्निहोत्री ने अपने दो सबसे भरोसेमंद शिष्यों, सूर्य और अवंतिका को डॉ. मेहता के साथ भेजा। सूर्य एक शांत, दृढ़ युवा था जिसकी आँखों में गहरी समझ थी, और अवंतिका एक तेज़-तर्रार, आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी युवती थी। दोनों ही ध्यान और प्राचीन विद्याओं में निपुण थे, और उनकी आभा