भाग 15कवच को पाने के बाद मिली राहत कुछ देर ही रही। विवेक ने उसे अपने बैग में सुरक्षित रखा, और सबने तुरंत मंदिर के खंडहरों से अपनी कार की ओर चलना शुरू किया। दुष्ट शक्ति की भयानक चीखें शांत हो गई थीं, और हवा में घुटन कम हो गई थी, लेकिन वे जानते थे कि खतरा अभी टला नहीं था। यह बस एक अस्थायी शांति थी, जैसे तूफान से पहले का सन्नाटा। उनके कदमों में तेजी थी, लेकिन हर धड़कन में अनिश्चितता का एहसास था। वे जानते थे कि यह केवल एक पड़ाव है, मंजिल अभी दूर थी।रास्ता, जो