छाया भ्रम या जाल - भाग 10

भाग 10डॉ. मेहता के साथ वीडियो कॉल खत्म होने के बाद अपार्टमेंट में एक और गहरा सन्नाटा छा गया। पहले के सन्नाटे में डर और अनिश्चितता थी, लेकिन इस बार उसमें एक अजीब-सी मिली-जुली भावना थी – एक तरफ राहत कि उन्हें एक रास्ता मिल गया है, तो दूसरी तरफ उस रास्ते पर चलने की चुनौती और उससे जुड़ा जोखिम। "कवच" और "गुफा" जैसे नाम उनके मन में गूँज रहे थे, किसी प्राचीन लोककथा की तरह, जो अब उनकी अपनी खौफनाक हकीकत बन चुकी थी।विवेक ने अपनी आँखों पर हाथ फेरा। "तो, अरावली की पहाड़ियों में एक गुफा... यह आसान