भाग 9डॉ. मेहता के जाने के बाद सबके चेहरे पर एक अजीब सा सन्नाटा छा गया. उनकी बातों ने उनके डर को एक नया आयाम दे दिया था. यह अब सिर्फ़ भूत-प्रेत की कहानी नहीं थी, बल्कि एक प्राचीन और शक्तिशाली बुराई का सामना था. विवेक, छाया, रिया और अनुराग एक-दूसरे को देख रहे थे, उनके चेहरों पर भय, अनिश्चितता और एक अजीब सी दृढ़ता के भाव थे. श्रीमती शर्मा, जो इन सबसे दूर अपने कमरे में थीं, उनकी धीमी फुसफुसाहटें और बढ़ गई थीं, मानो वह भी इस रहस्योद्घाटन को अपनी तरह से महसूस कर रही हों."तो... यह सिर्फ़