Part – 2 : हदें टूटती हैंपहले स्पर्श के बाद से ही सब कुछ बदल चुका था। अब नेहा और आयुष के बीच वो दूरी नहीं रही, जो एक दोस्त और दोस्त की पत्नी के बीच होनी चाहिए। दोनों जानते थे कि ये गलत है, लेकिन उनके दिल अब और रुकने को तैयार नहीं थे।आयुष जब भी नेहा से मिलने आता, घर का माहौल बदल जाता। नेहा का चेहरा खिल उठता, उसकी मुस्कान अलग ही चमक बिखेरती। आयुष भी खुद को हल्का और सुकून भरा महसूस करता।कभी दोनों साथ में टीवी देखते, लेकिन नज़रें स्क्रीन पर कम और एक-दूसरे पर