️हुक्म और हसरत️ #Arsia अध्याय 8 “धड़कनों का धोखा” महल के गलियारों में अब खामोशी दौड़ रही थी। महल में आज कुछ अलग था। सिया और अर्जुन, एक ही जगह थे, लेकिन जैसे दो विपरीत दिशाओं के सितारे। ना आँखों में मुलाक़ात थी, ना होठों पर कोई बात। अगर कभी आमना-सामना हो भी जाता — तो अर्जुन मुड़ जाता, और सिया अनकहे सवालों में खो जाती।काव्या ये सब कुछ महसूस कर पा रही थी। कव्या ने धीरे से सिया को देख कर से कहा, “कभी-कभी चुप्पी उस