राधा–कृष्ण : अनोखी प्रेम गाथा

  • 309
  • 108

राधा–कृष्ण : अनोखी प्रेम गाथा बरसाने की गलियों में जब भी बांसुरी की मधुर धुन गूंजती, हर दिल ठहर जाता। उस धुन में एक जादू था, एक अपनापन, मानो किसी के मन को सीधे छू जाता हो। यह धुन किसी साधारण वंशीवादक की नहीं, बल्कि वृंदावन के श्यामसुंदर – कन्हैया की थी।राधा जब भी इस धुन को सुनती, उसका मन अपने आप कन्हैया की ओर खिंच जाता। राधा और कृष्ण की पहली मुलाक़ात भी ऐसी ही एक सुबह हुई थी, जब राधा यमुना किनारे जल भरने आई थी और कृष्ण ने अपनी बांसुरी से ऐसी धुन छेड़ी कि राधा