माफ़िया की नज़र में – Part 15: "दिल और धोखे की जंग""कभी-कभी दिल का भरोसा और धोखे का सच एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं। और उस सिक्के की कीमत जान से चुकानी पड़ती है।"अहाना का दिल अब एक तूफ़ान में फँस चुका था। हॉस्पिटल का वो कॉरिडोर, जहाँ रायान ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहा था, और रवि की वो बात—“रेहान तुम्हारे पीछे है”—उसे एक नई आग में झोंक रही थी। पापा की आखिरी चिट्ठी—“रायान को उसकी गलती समझना”—उसके दिमाग में गूंज रही थी। मायरा की चेतावनी और रवि का साथ उसे हिम्मत दे रहा