माफ़िया की नज़र में – Part 11: "खून और भरोसा""कभी-कभी भरोसा करना मौत से ज़्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि वो तुम्हें ज़िंदा रखकर मारता है।"अहाना का दिल अब जैसे रुक सा गया था। तहखाने का अंधेरा, गोलियों की गूंज, और रवि का खून से लथपथ ज़मीन पर गिरना—सब कुछ एक बुरे सपने की तरह था। रायान उसका हाथ कसकर पकड़े हुए था, उसकी आँखों में हताशा और दर्द साफ़ झलक रहा था। सामने विक्रम और निहारिका खड़े थे, उनकी नज़रों में नफ़रत और बदले की आग। और वो चिट्ठी—“रायान पर भरोसा करो, वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है”—अहाना के ज़हन