भूमिगत मार्ग के अंत में, पत्थरों की नमी से टपकती बूंदों की गूंज अब धीरे-धीरे शांत हो रही थी। आगे एक विशाल दरवाज़ा खड़ा था—काले धातु का, जिस पर जटिल चिन्ह उकेरे गए थे। उन चिन्हों में आग, नाग और त्रिशूल की आकृतियाँ दिखाई देती थीं, मानो वे कोई जीवित रहस्य हों।आर्यन, वेदिका और ईशान तीनों दरवाज़े के सामने खड़े थे। उनके चेहरे पर उत्सुकता के साथ एक अजीब-सा भय भी था।ईशान ने दरवाज़े को छूने की कोशिश की—जैसे ही उसकी उंगलियाँ धातु से टकराईं, एक चिंगारी-सी निकली और उसकी हथेली जल उठी।“आह!” ईशान पीछे हट गया।आर्यन ने तुरंत उसका