Part – 1 : पहली मुलाक़ात और अनचाहा बंधनरीमा एक साधारण, पढ़ाई में तेज़ और सपनों से भरी लड़की थी।उसकी दुनिया किताबों, दोस्तों और अपने छोटे से परिवार तक ही सीमित थी।वह चाहती थी कि उसकी शादी एक ऐसे इंसान से हो जो उसके सपनों को समझे, उसके साथ बराबरी का रिश्ता निभाए।लेकिन किस्मत ने उसके लिए कुछ और ही तय कर रखा था।उसके पिता का एक पुराना दोस्त था – राघव चौधरी।राघव एक बहुत बड़े बिज़नेसमैन, सख़्त स्वभाव और ठंडे चेहरे वाले इंसान।उनकी उम्र रीमा से काफ़ी ज़्यादा थी।रीमा उन्हें बचपन से "राघव अंकल" कहकर जानती थी।एक दिन अचानक