अधूरी मोहब्बत का इलज़ाम - 3-4

चैप्टर 3 – भाई की परछाईकॉलेज का माहौल अब अरुण और रिया के लिए बदल चुका था।हर दिन मिलने का बहाना, हर छोटी बात में मुस्कुराना, और हर शाम एक-दूसरे की यादों में खो जाना… ये सब उनकी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका था।लेकिन प्यार जितना मीठा था, उतना ही डरावना साया उसके पीछे खड़ा था—रिया का भाई, विक्रम।---पहली टकराहटएक शाम, जब अरुण और रिया कैंपस के बाहर सड़क किनारे चाय पी रहे थे, तभी एक काली SUV वहाँ आकर रुकी।दरवाज़ा खुला और विक्रम उतरा। चौड़ी छाती, भारी आवाज़, और आँखों में खौफ़नाक चमक।उसने बिना कुछ कहे रिया को घूरा,