कहानी: तेरे बिना अधूरीइंदौर की शामइंदौर शहर हमेशा चहल-पहल से भरा रहता है। चप्पन दुकान की रौनक, सराफ़ा बाज़ार की मिठाइयाँ और राजवाड़ा चौक की भीड़—हर जगह एक अलग ही रंग बिखेरता है। इसी शहर में रहती थी आरज़ू। 23 साल की मास्टर ऑफ आर्ट्स की स्टूडेंट, हंसमुख, चुलबुली और बेहद खूबसूरत। उसे किताबों से जितना प्यार था, उतना ही इंदौर की सड़कों पर घूमने से।दूसरी ओर था आयान। 25 साल का, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका और अब अपने पिता के बिज़नेस में हाथ बँटा रहा था। शांत स्वभाव, लेकिन दिल से बेहद भावुक।दोनों की दुनिया अलग थी,