शापित हवेली

गाँव के बाहर एक जर्जर हवेली थी, जिसे लोग "शापित हवेली" कहते थे। कहते थे कि वहाँ रात को अजीब आवाज़ें आती हैं—कभी रोने की, कभी किसी के जोर से हँसने की, और कभी चीख़ों की। गाँव वाले वहाँ जाना तो दूर, उस रास्ते से भी जल्दी निकल जाते।लेकिन अर्जुन, जो शहर से पढ़ाई करके लौटा था, इन सब बातों पर विश्वास नहीं करता था। उसे लगता था कि ये सब अंधविश्वास है। उसने दोस्तों से कहा, “मैं साबित कर दूँगा कि हवेली में कुछ नहीं है।” और उसी रात, वो अकेला हवेली में चला गया।रात के बारह बजे जब