(भाग 1)शहर की हल्की-हल्की बारिश और सड़क के किनारे लगे पीपल के पुराने पेड़ से टपकती बूंदें… चारों तरफ एक अजीब-सा सुकून फैला हुआ था। उसी मोड़ पर खड़ी थी सान्वी, एक सादी-सी लड़की, जिसकी आंखों में हमेशा हज़ारों सपने तैरते रहते थे। कॉलेज का पहला दिन था, और उसके मन में हल्की-सी घबराहट भी। उसने गुलाबी रंग का कुर्ता पहना था और बालों को हल्के से बांध रखा था।जैसे ही वह कॉलेज गेट के पास पहुँची, सामने से एक बाइक बड़ी तेज़ी से आते हुए अचानक पल भर में उसके बिलकुल पास आकर रुक गई। ब्रेक की आवाज़ सुनकर