एपिसोड 7 – नौकरी से आंदोलन तक बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का जीवन उस समय एक ऐसे मोड़ पर था, जहाँ एक ओर उन्हें आरामदायक नौकरी और सम्मानजनक पद मिल चुका था, और दूसरी ओर समाज का कड़वा सच हर दिन उनके सामने नंगी तलवार बनकर खड़ा था।बरौडा में अपमान की ज्वालाबरौडा राज्य के गायकवाड़ महाराज उनके सबसे बड़े सहायक रहे थे। उन्होंने विदेश में उनकी पढ़ाई का खर्च उठाया। बदले में अम्बेडकर ने लौटकर बरौडा राज्य की सेवा करने का वचन दिया था।इसलिए उन्हें फाइनेंस डिपार्टमेंट में अधिकारी बना दिया गया। एक तरफ वे ऊँचे पद पर थे, दूसरी तरफ उनका