समता के पथिक: भीमराव - 6

(104)
  • 1.1k
  • 522

एपिसोड 6 — “समंदर पार का सपना”1913 की सर्दियों में, बंबई के बंदरगाह पर एक स्टीमर खड़ा था—लंबा, ऊँचा, और अपनी धातु की चमक में गर्व से लहरों को चीरने को तैयार। भीमराव, हाथ में छोटा-सा सूटकेस, वहीं खड़े थे। उनके साथ बरौडा सरकार के कुछ अधिकारी और उनके पिता रामजी मालोजी भी थे।पिता ने धीरे से कहा—“बेटा, ये सिर्फ तेरी पढ़ाई की यात्रा नहीं, तेरे समाज की यात्रा है। वहाँ जाकर जो सीख, वो लौटकर सबको देना।”भीमराव ने प्रणाम किया, और स्टीमर की सीढ़ियाँ चढ़ गए।समंदर की पहली रातजहाज़ के डेक पर खड़े होकर उन्होंने पहली बार असीम समंदर