मन की खिड़की

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मन की खिड़की   एक गाँव की लड़की की अनसुनी कहानी प्रस्तावना — एक अनकहा सवाल"क्या हम सच में वही हैं, जो हम सोचते हैं?" यह सवाल आर्या के मन में उस सुबह पैदा हुआ, जब वह अपने छोटे से गाँव की मिट्टी भरी पगडंडी पर चल रही थी ‍️।हवा में मिट्टी की मीठी खुशबू थी ️, पक्षियों का गीत गूंज रहा था , और सूरज की पहली किरणें खेतों पर सुनहरी चादर बिछा रही थीं ।आर्या बचपन से ही अलग थी —जहाँ बाकी बच्चे खेलों में मस्त रहते ‍️, वह पेड़ के नीचे बैठकर सोच में खो जाती