घर का माहौल अब और भी भारी हो चुका था। लिविंग रूम में, अर्जुन, अमन और रिया—तीनों एक-दूसरे के क़रीब बैठे थे, लेकिन तीनों के चेहरों पर अलग-अलग किस्म का डर साफ़ नज़र आ रहा था। रिया की आंखें सूज चुकी थीं, आँसू उसके गालों पर बहते-बहते सूख चुके थे। अर्जुन के हाथ में मोबाइल था। काँपते हाथों से उसने कॉल रिसीव किया। जैसे ही दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई, तीनों एक साथ बोल पड़े— रिया (रोते हुए) – "बाबा... हमें बचाइए, प्लीज़!" अमन – "बाबा जी! यहां जल्दी आइए...!" अर्जुन – "बाबा जी, एक आत्मा रिया को मारना चाहती है।" फोन के दूसरी तरफ़ से, गहरी, धीमी