तेरे मेरे दरमियाँ - 14

  • 75

तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 14“जब सात फेरे सिर्फ रस्म नहीं, एक वादा बन जाए…”---“शादी सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं,बल्कि दो कहानियों का संगम होती है —जिसमें हर रिश्ता एक नया नाम पा जाता है।”--- सीन 1: सुबह की शुरुआत – शादी का दिनसूरज की पहली किरण जब खिड़की से अंदर आई,संजना की आँखें हल्की सी रोशनी में खुलीं।आज का दिन… वो दिन था,जिसका सपना उसने बचपन से देखा था।कपड़े, मेहंदी, फूल, हलचल —पर सबसे ज़्यादा उसके दिल में था आरव का नाम।उसने हाथ फैलाकर अपनी हथेलियों को देखा —अब भी उस पर लिखा था —“Aarav”गाढ़े रंग में,