सिसकती वफ़ा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तान - 13

  • 78

                           भाग-13                  रचना:बाबुल हक़ अंसारी                “ज़ीरो ऑवर – सच या मौत”अलार्म की कर्कश चीख ने पूरे बिल्डिंग की दीवारों को हिला दिया।लाल फ्लैशिंग लाइट्स गलियारों को खून की तरह रंग रही थीं,और ऊपर से धातु के गेट धड़ाम-धड़ाम गिरते जा रहे थे — लॉकडाउन शुरू हो चुका था।"भागो!" — आर्यन ने चिल्लाया,और तीनों बिजली की रफ्तार से अगले कॉरिडोर की ओर दौड़ पड़े।पीछे से मशीन गन की गोलियां फर्श और दीवारों को चीर