तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 10

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                        भाग :10                 रचना:बाबुल हक़ अंसारी              "टिक-टिक… मौत का सौदा"[तीन मिनट का खेल…]टाइमर की टिक-टिक अब मौत का संगीत लग रही थी।2 मिनट 59 सेकंड… 2 मिनट 58 सेकंड…अयान और आर्यन के माथे पर पसीना था।रूद्र, दीवार से टिककर उन्हें ऐसे देख रहा था, जैसे शिकारी अपने शिकार को आख़िरी सांसों में तड़पते देखता है।  “भाग लो अगर भाग सकते हो… लेकिन ये दरवाज़ा अब सिर्फ़ मेरी चाबी से खुलेगा।”उसकी आवाज़ ठंडी थी, मगर आंखों