काला गुलाब - भाग 2

भाग 1: वीर  राज को घर छोड़कर आया था। राज अपने कमरे में गया और उदास होकर बैठ गया। तभी उसके कमरे में गोरी जी आई। उन्होंने रोज का सिर अपनी गोदी में रखा और प्यार से बोलीं _ "बेटा, क्या हआ? राज कीआखें भर आई। उसने कहा _"मां... अनु मेरे प्यार को क्यों नहीं समझती? में उसे कितना प्यार करता हूं।"गोरी जी थोड़ी उदास होकर बोली_"बेटा, एक दिन जरूर अनु तुम्हारे को समझेगी। मैं जानती हूं... अनु भी तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती है।"गोरी जी ने राज को सुला दिया और कमरे से बाहर चली गई। उधर राज अचानक उठ