ब्रम्हदैत्य - 5

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भाग  5– हमलाशाम के लगभग पाँच बज चुके थे। आसमान पर सूरज ढलने लगा था और हलकी नारंगी रोशनी सड़क पर बिखर गई थी। रिया, उसकी माँ सुनीता, भाई आयुष और राहुल अब कार में बैठ चुके थे। रामपुर गाँव दिल्ली से क़रीब 100 किलोमीटर दूर था। समय कम था, और रात होने से पहले उन्हें वहाँ पहुँचना ज़रूरी था।राहुल कार ड्राइव कर रहा था। वह ज़्यादा बातूनी नहीं था, मगर चुप रहना भी उसे पसंद नहीं था। कुछ देर की चुप्पी के बाद उसने एक नज़र रिया की तरफ डाली और पूछा, “रिया, अब तक तुमने बताया ही नहीं