सिसकती वफ़ा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तान - 12

                           भाग:12.                    “जब सच दुश्मन के हाथ में हो”               रचना: बाबुल हक़ अंसारीपिछली झलक:"धन्यवाद… अब ये मेरे पास रहेगा।" — काले हुड वाला आदमीकाली हुड में चेहरा छुपाए वो आदमी कैमरे को ऐसे घुमा रहा थाजैसे उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आ गया हो।आसमान में बादल गरज रहे थे,और सड़क पर बिखरी बारिश की बूंदें स्ट्रीट लाइट में सोने जैसी चमक रही थीं।अयान ने एक कदम आगे बढ़ाया —"वो फुटेज हमें वापस