तन्हा सफ़र: जज़्बातों की छांव में भीगा इश्क़ - 9

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                       भाग:9          "एक सेकंड… तीन तक़दीरें.                  रचना बाबुल हक़ अंसारी[ट्रेन की गड़गड़ाहट…]पटरी कांप रही थी, सीटी अब कानों को चीर रही थी।तीनों — अयान, आर्यन और वेद — धातु की उस ठंडी पटरी पर गुत्थमगुत्था थे।चाकू अब भी वहीं चमक रहा था, रेल की रोशनी में जैसे ख़ून का रंग समा गया हो।[एक पल का सच]अयान ने पूरी ताक़त से वेद को पकड़ रखा था, लेकिन वेद के हाथ अयान की गर्दन पर कसते जा रहे थे।आर्यन ने अंधाधुंध