कोमोलिका – दिल्ली की सुबह कोहरे में लिपटी हुई थी। आंटी टीन के कैफ़े में एक कोने में कोमोलिका गर्म कॉफी की ट्रे लेकर जा रही थी। उसकी आँखों में नींद थी, लेकिन इरादों में चमक थी।कॉलेज की क्लास सुबह 9 बजे से शुरू होती थी, लेकिन उससे पहले वो कैफ़े में दो घंटे काम करती थी और कॉलेज खत्म होने के बाद भी उसी कैसे में काम करते हैं— थोड़ा मेहनत, थोड़ा ईमान, और बहुत सारा सपना।कैफ़े की एप्रन में भी वह वैसी ही लगती थी जैसे लाइब्रेरी में — शांत, समझदार और बेहद केंद्रित।उसका सपना बहुत सीधा-सादा था:"एक