...पुराने किले में कैद अदिति.....अब आगे.............आदित्य इस बात को सुनकर बहुत ज्यादा दुखी हो जाता है...कामनाथ जी और अमरनाथ जी उसे समझाते हैं...." ऐसे. दुखी होने से कुछ नहीं होगा आदित्य , खुद संभालो , अदिति तुमसे दूर गई , अभी वो जिंदा है , , तुम्हें उसे बचाना होगा..."तभी मेन डोर से आवाज़ आती है......" अदिति जिंदा है और उसे बचाना है..." सबकी नजरें मेन डोर पर जाती है जहां इशान और विवेक खड़े उनकी ये बात सुन चुके थे , , विवेक तेज तेज कदमों से आकर आदित्य के पास आकर बैठकर उसे कंधे से पकड़कर पूछता है....." कहां