ज़ब मैं इस दुनिया से चली जाउंगी.....अब आगे...........विवेक खुद से ही कहता है....." अदिति ये ब्रेसलेट क्यूं देकर गई हो मुझे...?..." बहुत देर सोचने के बाद उसे इस ब्रेसलेट के पीछे की वजह समझ आ जाती है......फ्लैशबेक......." अदिति तुम इतना परेशान सी क्यूं बैठी हो...?..." विवेक एक चुलबुली मुस्कान को छिपाते हुए कहता हैअदिति वहीं गुमसुम सी कहती हैं..." विवेक कुछ नहीं हुआ तुम जाओ..."विवेक उसके चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी तरफ करके पूछता है...." मेरी स्वीट हार्ट को क्या हुआ है...?... मुझे नहीं बताओगी..."" विवेक तुम्हें पता है , मैं जो ब्रेसलेट पहनती हूं.."विवेक उसे टोकते