( __/)( • . •)( >राहुल बॉटल घुमाया बॉटल अपनी रफ्तार तेज करते हुए घूमने लगी सबकी नजर घूमते बॉटल पर अटकी हुई थी। अब आगे,,,,और वही हमारी मस्ती का पारा हाई था वो बॉटल को ऐसे देख रही थी मानो उसके इशारों पर ही गोल गोल नाच रही हो वही राहुल मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था की वो ही जीते अगर ऐसा हुआ तो वो जो चाहे वो करवा सकता हैं मस्तानी से वही मस्ती गेम इसलिए ही बिच में छोड़ कर जा रही थी क्यूंकि वो जानती थी राहुल कितना गिरे हुए सोच का