हुक्म और हसरत - 6

  • 114

               हुक्म और हसरत अध्याय 6     अगली सुबह भोजन कक्ष :   भोजन कक्ष में सिया की प्लेट अभी भी खाली थी।   काव्या ने धीरे से पूछा, “आप कुछ खा क्यों नहीं रहीं?”   सिया ने अर्जुन की ओर देखा, जो दीवार से टिककर सब पर नज़र रख रहा था।   “जब कोई हर पल देख रहा हो, तो भूख नहीं लगती। और जब हर घूंट शक की निगाह में हो, तो पानी भी ज़हर लगता है।”   काव्या कुछ कहने ही वाली थी कि अर्जुन वहाँ से चला गया।