भाग 6रात के सन्नाटे में, टॉर्च की मंद रोशनी के साथ, विवेक, रिया, छाया और अनुराग बेसमेंट की ओर बढ़े. लिफ्ट की जगह उन्होंने सीढ़ियों का इस्तेमाल किया, हर सीढ़ी उनके डर को बढ़ा रही थी. दीवारों पर सीलन के निशान थे और हवा में एक अजीब सी घुटन थी जो उनके फेफड़ों तक जाती महसूस होती थी. बेसमेंट का दरवाज़ा एक भारी, धातु का दरवाज़ा था जिस पर मोटी परत में जंग लगी थी. उस पर लगे पुराने ताले को तोड़ने में विवेक को कुछ मिनट लगे, और हर पल उन्हें लग रहा था कि कोई अदृश्य आँख उन्हें