गुनाह

गहरे सन्नाटे सी अंधेरी रात बस चारों तरफ झिंगुरों की आवाजें ही सुनाई दे रही थी। एक आदमी तेज तेज कदमों चलता हुआ कहीं जा रहा था। शायद बहुत जल्दी में था।उसके चेहरे से वहशीपन और हैवानियत साफ झलक रही थी। उस वक्त अगर कोई उसे देख लेता तो वह भी एक बार खौफ से भर जाता। उसके हाथ में एक बड़ा सा चाकू था तेजधार वाला, शायद किसी को मार कर आ रहा था उसके कपड़ों और चेहरे पर पड़े खून के छींटे यही बयां कर रहे थे। पर आज की रात उस व्यक्ति से भी ज्यादा खौफनाक लग रही थी।