पृथ्वीराज बदनोर में पृथ्वीराज इन दिनों गोंडवाड के पर्वतीय क्षेत्र में था, जहाँ उसे जयमल की हत्या की सूचना मिली। एक बारगी तो उसके कलेजे को ठंडक पड़ गई कि विश्वासघाती जयमल को अपने किए का दंड मिल गया, लेकिन एक चिंता ने उसे भी घेर लिया। वह समझ रहा था कि इस सारे षड्यंत्र का सूत्रधार काका सूरजमल था, जिसने बड़ी चतुराई से मेवाड़ के सिंहासन पर अपनी पकड़ बना ली थी। तीनों राजकुमारों को उस मिठबोले ने एक-एक करके अपने रास्ते से हटा दिया था और अब मेवाड़ का उत्तराधिकारी कुँवर कल्याणमल था, जो अभी केवल 8 वर्ष का