Eclipsed Love - 12

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आशीर्वाद अनाथालय धुंधली शाम का वक्त था। आसमान में सूरज अपने आखिरी किरणों को बिखेर रहा था। अनाथालय के आंगन में हल्की-हल्की ठंडक महसूस हो रही थी। आज शांति जी की तेरहवीं थी। अनाथालय के बच्चों और वहां के लोगों के दिलों में भारी उदासी थी। शांति जी सबके लिए माँ समान थीं।  ऐसा लग रहा था जैसे उनके बिना, अनाथालय  अपना आधार खो चुका था।तेरहवीं की विधि पूरी हो चुकी थी। मेहमान एक-एक कर अपने घरों को लौट रहे थे। चारों ओर एक गहरी खामोशी पसरी हुई थी। इस खामोशी के बीच, पावनी अपने कमरे में अकेली बैठी थी। उसके