---️ भाग 1: वो मोड़जान्हवी और विराज एक पुरानी सड़क पर चल रहे हैं — बारिश थम चुकी है, लेकिन हवा में ठंडक है।वो एक चौराहे पर रुकते हैं — वहाँ दो रास्ते हैं।जान्हवी कहती है: > “अगर हम अलग-अलग रास्तों पर चलें… तो क्या ये कहानी अधूरी रह जाएगी?”विराज जवाब देता है: > “शायद नहीं… अगर दिल साथ चले।”--- भाग 2: दीवार की दरारजान्हवी स्टेशन की दीवार पर जाती है — वहाँ एक पुरानी दरार है, जो हर बार उसकी स्केच को तोड़ देती है।वो कहती है: > “ये दरार मेरी तरह है… बाहर से रंगीन, अंदर से टूटी।”विराज उसका हाथ पकड़ता