धूमकेतू - 4

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अजय एकदम सन्न रह गया।उसके मन में सवालों का तूफ़ान उठने लगा — "ये अजनबी आदमी मेरे अपहरण के बारे में कैसे जानता है?"वो शख्स मुस्कुराकर बोला,"मुझे पता है, तुम्हारे मन में सवालों का बवंडर चल रहा है। चलो… कहीं और चलकर तुम्हारे सभी सवालों का जवाब देता हूँ।"अजय कुछ पल सोच में पड़ा, फिर धीरे से हामी भर दी।---गाड़ी में बैठते ही माहौल गंभीर हो गया।थोड़ा सफर तय करने के बाद, वो आदमी एक विशाल बिल्डिंग की ओर इशारा करते हुए बोला,"देखो, ये मेरा घर… और मेरा ठिकाना है।"अजय ने उस बिल्डिंग की ओर देखा — सामने एक बड़ा