तृषा ने हामी भरी और रवि से कहा चलो थोड़ा ओर आगे बढ़ते हैं, शायद आगे कोई सुरक्षित स्थान मिल जाए।सूरज भी डूबने को था।तृषा और रवि आगे बढ़ रहे थे तभी उन्हें पानी के बहने की आवाज सुनाई दी ।रवि ने कहा लगता है वहां कोई नदी है।तृषा शायद,चलो देखते हैं, वे दोनों उस नदी के पास पहुंचे। नदी के आस पास ठहर ने के लिए बहुत जगह थी। वो जगह सुरक्षित भी लग रही थी।रवि और तृषा ने वही पर अपना तम्बू बनाने का विचार किया।धीरे धीरे अंधेरा गहरहराता जा रहा था।तृषा और रवि अपने अपने तम्बू में