दगे हुए कारतूसों के बीच जीवन का उत्तरार्ध बीत रहाहै। आप तो जानते ही हैं कि कारतूस दो तरह के होते हैं |एक जिंदा और दूसरा दगा हुआ जिसे प्राय: लोग खोखा भी कहते हैं |जिंदा और कार्यशील कारतूस में खोल , गोली ,प्रोपेलेंट यानी धमाका करने वाली सामग्री भरी होती है जिससे वह हमेशा फायरिंग के लिए तैयार रहता है |दगा हुआ कारतूस बेकार और निष्प्रभावी होता है |अक्सर इसका उपयोग कहावतों और मुहावरों के लिए होता चला आया है |मेरी आत्मकथा का यह रोचक प्रसंग भी मुख्यत: उसी कहावत से जुड़ा हुआ है |