धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 3

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धीरे धीरे कमरे में आग बढ़ रही थी, और सिमरन और भी panic हो रही थी। अब उसे कोई आस नजर नही आ रही थी। धीरे धीरे उसे धुएं की वजह से खांसी आने लगी और वो कमजोर होकर जमीन पर ही बैठ गई। जैसे जैसे आग बढ़ रही थी, उसके लिए जगह कम होती जा रही थी, और वो पीछे पीछे खिसक रही थी। अब उसने सोच लिया था कि अब वो भगवान जी के पास जाने वाली है। और वो अपनी आंखें बंद कर देती है, जिससे वो बेहोश होने लगती है। और फिर बिल्कुल बेहोश होकर जमीन