Part 1बनारस, गंगा घाट का दृश्य, रात 12:47 बजेगंगा नदी की लहरें बनारस घाट पर थपकियां दे रहीं थे, और आसमान पर बादल घिरे हुए थे। हवा में नमी और ठंडक थी। दूर जलते हुए दीपक ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने सितारों को सचमुच में जमीन पर उतार दिया हो। इन सबसे थोड़ी ही दूर पर थी वो वीरान खंडहर पड़ी हवेली, जिसके बारे में कहा जाता था कि उसके अंदर जो भी गया वो वापस नहीं लौटा। किनारे से थोड़ी ही दूर एक ऊंचे चबूतरे पर खड़ी वो हवेली कभी आलीशान हुआ करती थी। आए दिन हवेली में