बारिश की हल्की फुहारें, पुरानी चाय की दुकान और खिड़की के पास बैठी एक लड़की — रूहानी।उसके हाथ में किताब थी, पर नज़रें बार-बार दरवाज़े की तरफ़ जा रही थीं, जैसे किसी का इंतज़ार हो।और तभी…भीगे बाल, नीली शर्ट और होंठों पर हल्की सी मुस्कान लिए आर्यन अंदर आया।रूहानी ने किताब बंद की — “तुम लेट हो!”आर्यन हँसते हुए बोला — “तुम तो जानती हो, मैं बारिश से बातें करने रुक जाता हूँ।”दोनों चाय मंगवाते हैं, और जैसे ही भाप उठती है, एक पुराना गाना बज उठता है —“तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं…”उस गाने के साथ उनकी