(निशा और उसकी बेटी आद्या को नागलोक की रहस्यमयी नाग सेविका ने लौटाया है। आद्या की हथेली पर उभरता नागचिह्न बताता है कि वह “नाग रक्षिका” बनी है, लेकिन दुश्मन का पता नहीं चलता। निशा को पति सनी पर शक होता है। निशा अनाथालय जाकर अपने अतीत की फाइल देखती है, जिसमें एक सोने का कड़ा और आद्या के चिह्न का संबंध छुपा है। घर लौटने पर सनी का व्यवहार संदिग्ध लगता है, पर उनकी चिंता भी दिखती है। निशा के मन में रहस्य और सवाल गहराते हैं — नागचिह्न का सच, सनी की असलियत, और नागलोक का बड़ा खतरा।