तेरे इश्क में हो जाऊं फना - 46

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बंद दरवाज़े और एक दस्तकबारिश तेज़ हो गई थी। दानिश खिड़की के पास खड़ा होकर उसे निहार रहा था, लेकिन उसका मन कहीं और था। समीरा का बेरुखी से चेहरा बार-बार उसकी आँखों के सामने आ रहा था। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इस तरह से उसे नज़रअंदाज़ कर देगी।वह कुर्सी पर बैठा और अपना फोन उठाया। उसकी उंगलियाँ स्क्रीन पर रुकीं।"क्या उसे कॉल करना सही होगा?"थोड़ी देर सोचने के बाद उसने हिम्मत जुटाई और समीरा का नंबर डायल कर दिया।एक अनपेक्षित कॉलसमीरा अपने कमरे में बैठी थी, किताबें उसके सामने खुली थीं, लेकिन उसका ध्यान कहीं