माफिया की नजर में - 10

  • 333
  • 96

माफ़िया की नज़र में – Part 10: "सच का आखिरी टुकड़ा""सच कभी-कभी इतना कड़वा होता है कि वो न सिर्फ़ दिल, बल्कि पूरी ज़िंदगी को जला देता है।"अहाना का दिल अब एक खौफनाक सन्नाटे में डूब चुका था। तहखाने का अंधेरा, रवि की बातें—“रायान ने तुम्हारे पापा को मरने दिया”—और पापा की चिट्ठी—“रायान पर भरोसा करो, वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है”—उसे दो सचों के बीच फँसा चुकी थीं। सामने मास्क वाला शख्स खड़ा था, उसकी बंदूक अहाना की तरफ तनी हुई थी। बाहर गोलियों की आवाज़ें गूंज रही थीं, और रायान की पुकार अब भी हवा में थी।अहाना का