माफिया की नजर में - 7

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माफ़िया की नज़र में – Part 7: "टूटते वादे, बिखरते सच""कुछ वादे निभाने के लिए बनते हैं, और कुछ… तोड़ने के लिए। लेकिन जब सच सामने आता है, तो वो हर वादे को राख कर देता है।"अहाना का दिल अब एक जंग का मैदान बन चुका था। रायान की बातें—“तुम्हारे पापा मेरे मेंटर थे… उन्होंने तुम्हारी हिफाज़त का वादा लिया था”—उसके ज़हन में बार-बार गूंज रही थीं। लेकिन उस कागज़ की वो लाइन, जो उसके कमरे में मिली थी, उसे और बेचैन कर रही थी: “अगर रायान ने वादा किया, तो उसने धोखा भी दिया।”वो अपने छोटे से कमरे