माफ़िया की नज़र में – Part 6: "सच का साया" "कुछ सच इतने भारी होते हैं कि वो दिल को नहीं, ज़िंदगी को तोड़ देते हैं।"अहाना का दिल अब भी उस पुरानी फैक्ट्री के सन्नाटे में अटका था। रायान की वो बातें—“मैं एक माफ़िया हूँ… लेकिन हर माफ़िया बुरा नहीं होता”—उसके ज़हन में बार-बार गूंज रही थीं। उसकी आँखों के सामने वो दृश्य अब भी ताज़ा था: रायान की बंदूक, वो तीन मास्क वाले आदमी, और उसकी ठंडी, लेकिन दर्द भरी नज़रें।वो अपने कमरे में बैठी थी, पापा की डायरी को सीने से लगाए। उस मैसेज ने उसे और